आगरा।सस्पेंड किये गए दिलफेँक इंस्पेक्टर की करतूत जहाँ पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी गयी है वहीँ महिला दरोगाओं को ड्यूटी को ड्यूटी के दौरान क्या-क्या दिक्कतें आती हैं। यह जानने के लिए सोमवार को एसीपी एत्मादपुर सुकन्या शर्मा ने महिला दरोगाओं की बैठक बुलाई। इसमें महिला दरोगाओं का दर्द सामने आया।
इस बैठक मे महिला दरोगा का दर्द उभर कर सामने आया कि सिटी जोन में तैनात एक एसीपी रात को अपने फ्लैट पर अर्दली रूम (ओआर) लेते हैं। घंटों महिला दरोगाओं को खड़ा रखते हैं। बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं देते। इतना ही नहीं कई थाना प्रभारियों के बारे में भी ऐसी ही शिकायतें सामने आई। इसके बाद पुलिस आयुक्त ने सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं।
दरअसल पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड के निर्देश पर एसीपी सकुन्या शर्मा ने कमिश्नरेट में तैनात सभी महिला दरोगाओं की बैठक बुलाई। ताकि उन्हें विशाखा गाइड लाइन के बारे में जानकारी दी जाए। बैठक की शुरुआत एत्मादुद्दौला प्रकरण से की गई।प्रशिक्षु महिला दरोगाओं से कहा गया कि कोई सीनियर उन पर कोई दबाव बनाए तो वह अधिकारियों को बताएं। हमराह में जाने की आवश्यकता नहीं है। किसी कारणवश जाना पड़े तो एक महिला पुलिस और साथ लेकर जाएं। किसी सिपाही से ज्यादा मतलब नहीं रखें। कई बार ऐसा होता है कि बाद में पता चलता है कि जिससे दोस्ती हुई वह शादीशुदा है।
बैठक में महिला दरोगाओं से पूछा गया कि उन्हें किस-किस बात पर आपत्ति है। हिम्मत जुटाकर दो महिला दरोगाओं ने बताया कि एसीपी देर रात अपने फ्लैट पर अर्दली रूम के लिए बुलाते हैं। घंटों रोककर रखते हैं। खुद कुर्सी पर बैठे रहते हैं। उन्हें बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं देते। । अर्दली रूम के लिए रात को अचानक फोन आता है। उस समय वे घर पर होती हैं।
मीटिंग हाल में सोफा है। उस पर इंस्पेक्टर बैठ जाते हैं। यह मीटिंग दिन में थाना परिसर में भी ली जा सकती है। देहात के एक थानाध्यक्ष की भी महिला दरोगाओं ने शिकायत की। बताया कि थानाध्यक्ष भी रात 11 बजे बुलाते हैं। बैठक में जो बातें सामने आई उनकी जानकारी पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड को दी गई। उन्होंने सख्त आदेश जारी किए हैं।
अब इन नियमों का होगा पालन
सूर्यास्त के बाद थानों में विशेष परिस्थिति को छोड़कर किसी भी महिला पुलिसकर्मी की ड्यूटी न लगाई जाए।
विशेष परिस्थितियों में बाहर रहने वाली महिला पुलिसकर्मी को ड्यूटी के लिए बुलाया जाना आवश्यक है तो सरकारी वाहन भेज कर ही बुलाया जाए।
किसी महिला पुलिसकर्मी को थाना प्रभारी अथवा अन्य किसी अधिकारी के हमराह की ड्यूटी में नहीं लगाया जाए।ड्यूटी में ले जाना आवश्यक है तो कम से कम दो महिला पुलिसकर्मी ले जाएं।
महिला पुलिसकर्मियों की रात्रि गणना सूर्यास्त से पहले ही कर ली जाए। महिला इंस्पेक्टर, महिला दरोगा का अर्दली रूम दिन के समय थाना कार्यालय अथवा एसीपी कार्यालय में ही किया जाए।