जगदीशपुरा जमीनकांड में शनिवार को पुलिस ने दस हजार के इनामी पुरुषोत्तम पहलवान को पकड़ लिया। पकड़े गए पहलवान ने पुलिस के सामने कई राज से पर्दाफाश किया हैं।पहलवान ने साफ तौर पर बता दिया कि जमीन पर दबंगई से कब्जा हुआ था। थाना पुलिस मिली हुई थी। इस बात की पुष्टि हुई है। पहलवान् का कहना हैं कि पुलिस से सेटिंग उसने नहीं कराई थी। उसे तो बलि का बकरा बनाया जा रहा है। पुलिस और बिल्डर के बीच डील एक चर्चित व्यक्ति ने कराई थी। पहलवान ने चर्चित व्यक्ति का नाम भी खोल दिया हैं लेकिन पुलिस ने मुकदमे में उसे अभी तक आरोपित नहीं बनाया है।
दरअसल बैनारा फैक्ट्री के पास स्थित दस हजार गज जमीन पर दो फर्जी मुकदमों में पांच लोगों को जेल भेजकर कब्जा किया गया था।पीड़ितों द्वारा डीजीपी विजय सिंह से शिकायत के बाद यह मामला सुर्खियों में आया था। पुलिस ने जमीन की कथित मालकिन उमा देवी की तहरीर पर डकैती की धारा में मुकदमा दर्ज किया था। इस मुकदमे में सबसे पहले शराब की तस्करी करने वाला अमित अग्रवाल पकड़ा गया था। उसके बाद पुलिस ने तत्कालीन एसओ जगदीशपुरा जितेंद्र कुमार को जेल भेजा था। ओर शनिवार को पुरषोत्तम पहलवान को भी गिरफ्तार कर लिया गया। दरअसल शुक्रवार को बिल्डर कमल चौधरी, धीरू चौधरी और पुरुषोत्तम पहलवान पर दस-दस हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय के अनुसार पुलिस ने मलका चबूतरा, शाहगंज निवासी 10 हजार का इनामी पुरुषोत्तम पहलवान को पथौली के पास से पकड़ा है। पुलिस को उसने बताया कि बिल्डर कमल चौधरी से उसकी पुरानी पहचान है। बिल्डर अखाड़े पर बादाम भिजवाया करते थे। कभी कोई प्रतियोगिता होती थी, उसमें चंदा भी दे दिया करते थे। वह तो संबंधों में मारा गया। वह कमल चौधरी का सम्मान करता है। इस वजह से मौके पर आ गया था। कमल चौधरी के कहने पर अपने दो परिचितों को जमीन पर चौकीदार रखवा दिया था। उसे इस काम के एवज में एक रुपया भी नहीं मिला। उसका कसूर सिर्फ इतना है कि घटना वाले दिन किशोर बघेल के साथ मौके पर आ गया था। कुछ युवकों को लेकर आया था। जमीन पर कब्जा किया जा रहा है, यह जानकारी थाना पुलिस को थी। पुलिस मौके पर नहीं आई थी।
डीसीपी ने बताया कि बिल्डर कमल चौधरी का एक गुर्गा किशोर बघेल है। बोदला का निवासी है। प्रॉपर्टी डीलर भी है। किशोर बघेल पहलवान को विवादित जमीन पर लेकर गया था। जो सामान था उसे किशोर बघेल ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर ले गया था। कमल चौधरी भी आए थे। गाड़ी में आधा दर्जन युवक थे। धीरू चौधरी को उसने नहीं देखा। पहलवान ने एक ऐसा नाम भी बताया जिसके संबंध राजनीतिक घराने से हैं।पुरुषोत्तम पहलवान ने पुलिस को बताया कि पुलिस चर्चित को जानती है। वह जिसे जहां चाहें तैनात करा देता था। एसओ उसका खास था। उसका गांजा से भी कोई लेना-देना नहीं है। गांजा पुलिस अपनी तरफ से लेकर आई होगी। गांजा जिस दिन पकड़ा गया, उसे यह पता जरूर था कि तीन लोग जेल जाएंगे। उसने बिल्डर और पुलिस के बीच डील नहीं कराई थी। बिल्डर की पुलिस से सीधे कोई डील नहीं हुई थी। जहां तक उसे जानकारी है, इस खेल में एक चर्चित की अहम भूमिका है।