आगरा।बेशकीमती ज़मीन जिसे कब्ज़ाने के लिए निर्दोषों को जेल तक भेजा गया उस ज़मीन के तार अब सूबे के कद्दावर मंत्री से जुड़े होने की बात अब खुलकर सामने आ गई है। 19 वर्ष पहले कुल चार बीघा जमीन के एक हिस्से की बिक्री का अनुबंध कमल चौधरी, योगेंद्र उपाध्याय सहित पांच लोगों के नाम किया गया था। भूखंड के गेट पर योगेंद्र उपाध्याय का नाम भी लिखा था। जिस पर बाद मे काला पेंट कर दिया गया।
19 साल पुराना समझौता पत्र के अनुसार जगदीशपुरा क्षेत्र में लोहामंडी-बोदला रोड पर स्थित चार बीघा के भूखंड में से 817.54 वर्ग मीटर जमीन की बिक्री का सौदा 22 नवंबर 2004 को किया गया था। विक्रेता पक्ष मैसर्स इंजीनियरिंग कंपनी एंड रीरालिंग मिल्स के मालिक प्रमोद जैन और उनके पुत्र नेम कुमार जैन औरअभय जैन है। क्रेता पक्ष से मैसर्स शांति बिल्डर्स के कमल चौधरी, योगेंद्र उपाध्याय, लायर्स कालोनी निवासी रिषी कुमार,
अमरदेव साहनी, विभव नगर निवासी अंकुर भार्गव के नाम हैं। इसमें शामिल योगेंद्र उपाध्याय वर्तमान में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री हैं। समझौते के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच भूखंड का सौदा 12.26 लाख रुपये में हुआ था। इस मामले में एक दारोगा जितेंद्र कुमार और कमल चौधरी समेत 18 लोगों पर डकैती का मुकदमा दो दिन पूर्व दर्ज हुआ है। स्थानीय लोगों और पीड़ित पक्ष के अनुसार भूखंड पर कब्जे के बाद मौके पर कैबिनेट मंत्री के बेटे काले रंग की स्कार्पियो से पहुंचे थे। उन्होंने गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए। वहीं जब भूखंड की बाउंड्री हुई तो मंत्री का कोई करीबी जाहिद मौजूद रहा था।
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