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भाजपा Vs बिखरा विपक्ष: चुनाव से पहले ही आगरा मे बना एसपी सिंह के लिए जीत का माहौल – The DNA News

भाजपा Vs बिखरा विपक्ष: चुनाव से पहले ही आगरा मे बना एसपी सिंह के लिए जीत का माहौल

तीसरी बार मोदी सरकार, अबकी बार चार सौ पार…लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक के प्रति मजबूत अवधारणा बनाने की रणनीति के तहत भाजपा के गढ़े ये नारे पार्टी की दूरगामी रणनीति की ओर इशारा करते हैं। इन नारों से भाजपा के रणनीतिकारों ने चुनावी बहस को एनडीए की हार-जीत से परे, गठबंधन को तीसरी और बीते दो चुनाव से बड़ी जीत हासिल करने का माहौल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाकर विपक्ष पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली है। बीते दो मुकाबलों की तरह इस बार भी एक तरफ अब तक अजेय ब्रांड मोदी है, तो दूसरी ओर एकसाथ आने की कोशिश में लगातार बिखरता विपक्ष है। हिंदुत्व व राष्ट्रवाद की जमीन और मजबूत होने के बीच भाजपा वोट प्रतिशत और सीटें बढ़ाने के लिए एक-एक कैके हर पेंतरा आजमा रही को साध रही है। गत दिनों हुए प्रबुद्ध सम्मेलन और अन्य कई सम्मेलन इस बात का जीता जागता प्रमाण है कि भाजपा इस बार पहले से ज्यादा वोटो से जीत दर्ज करने के लिए प्रयासरत है।इसका पूरा असर लोकसभा आगरा की सीट पर पूरी तरह से दिखाई देता है। यहाँ इंडी अलायंस मजबूत प्रत्याशी उतारने मे नाकाम रहा है वही बसपा ने भी दलितों की राजधानी कहलाने वाले आगरा मे कमजोर प्रत्याशी उतार कर भाजपा प्रत्याशी और मौजूदा सांसद प्रो एसपी सिंह बघेल को पुनः दिल्ली भेजनें का रास्ता प्रशस्त कर दिया है।

एनडीए व इंडी अलायंस में सबसे बड़ा अंतर जमीनी स्तर पर संगठन का कामकाज पैदा कर रहा है। मोदी-शाह युग के साथ भाजपा ने बूथ स्तर पर प्रबंधन पर सर्वाधिक मेहनत की है। आगरा में लगातार चाहे युवा संगठन हो महिला संगठन हो या फिर अन्य भाजपा से जुड़े संगठन सभी लगातार बैठकर करके संगठन को मजबूत करने की ओर प्रयासरत है ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में पहले से बड़ी जीत दर्ज की जा सके। वहीं, वहीं प्रमुख विपक्षी दलों में शुमार समाजवादी पार्टी का आगरा में संगठन अभी पूरी तरीके से गठित पर नहीं हुआ है यहां तक की पदाधिकारी भी  संगठन मजबूत करने के लिए मेहनत नहीं कर रहे है। यानी माना जाए तो बिना सेना के सेनापतियों के साथ इस बार समाजवादी पार्टी चुनाव मैदान में उतरी है।कांग्रेस में जिला अध्यक्ष और शहर अध्यक्ष पद पर बदलाव के बाद हालात बदल गए हैं जहां जिले की पुरानी टीम ने इस्तीफा दे दिया है वही नाराज कार्यकर्ता और पदाधिकारी को मानाने के लिए मान मनोव्वल का दौर जारी है जबकि चुनाव सर पर आ चुका है।

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