निर्दोषों को फर्जी मुकदमे में फंसाने वाला एसओ जितेंद्र कुमार अब खुद जेल में कैद है।जेल में जितेंद्र कुमार का नया ठिकाना बैरक नंबर नौ है। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा भी दिन आएगा। पांच निर्दोषों के जेल जाने के बाद जमीन पर कब्जा हो गया था। किसी को कानों कान खबर तक नहीं थी। कोई शिकायत नहीं थी। उनका तो थाना भी बदल गया था। जगदीशपुरा से एमएम गेट के थानाध्यक्ष बन गए थे। थाना छोटा था इसलिए नाखुश थे। अचानक ज़मीन का जिन्न बोतल से बाहर निकल आया,बवाल मचा। मुकदमा लिखा गया। उन्हें जेल जाना पड़ा।
जिला जेल के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार की शाम जितेंद्र कुमार को जेल में दाखिल किया गया। तलाशी के बाद उन्हें बैरक नंबर नौ में भेजा गया। वहां पहले से 70 बंदी बंद हैं। जेल कर्मियों को निर्देशित किया है कि जितेंद्र कुमार की गतिविधि पर नजर रखें। जितेंद्र कुमार ने गुरुवार की सुबह लाइन में लगकर नाश्ता लिया। खाना लिया। वह गुमसुम हैं। जिला जेल में वह अकेले नहीं हैं। पहले से दो पुलिसवाले बंद हैं। उनकी बैरक अलग है। बरहन थाने से दरोगा संदीप दुराचार में जेल गया था। उसका खंभे से बांधकर पिटाई का वीडियो भी वायरल हुआ था। हाल ही में 30 दिसंबर को छत्ता थाने से सिपाही राघवेंद्र को जेल भेजा था। दोस्त ने उसके कमरे पर खुदकुशी कर ली थी। उसके खिलाफ दुराचार और आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज हुआ था।